Translate

गुरुपूर्णिमा पर खास_सात्विक जीवनशैली अपनाने से भी बहुत कुछ ठीक हो जायेगा।

BK_Shivani_Brahmkumari
गुरुपूर्णिमा पर खास_बीके शिवानी जी,ब्रम्हकुमारी  द्वारा।

(सात्विकता अपनाने से हम सकारात्मकता भी पा सकते है। अपने विचारों में , कर्मों में सात्विकता लाये यह जीवनशैली में कुछ बदलाव लाकर किया जा सकता है। )

यहाँ सात्विक भोजन से मतलब नो जंक फ़ूड , नो स्पाइस फ़ूड बस साधारण भोजन अपनाना से है जिससे आपका शरीर फिट और निरोगी , सब बीमारियों से दूर रहेगा।

 

इस वैश्विक महामारी ने हमें जीवन जीने का नया तरीका सिखा दिया है। हमें वह सब सिखा दिया जो हम करना चाहते थे और जिसके लिए हम कहते थे कि हमारे पास समय नहीं है। जैसे जो कुकिंग नहीं करते थे, उन्हें समय मिला खाना बनाना सीखने के लिए। जब हमारे पास थोड़ा ज्यादा पैसे आ जाते है या जब काम से थक तब सोचते है  कि खाना बनाने की क्या जरूरत है, बाजार से खाना ले आते थे या खाना बनाने वाले को रख लेते थे। जबकि जब काम  आने के बाद ज्यादा थकावट होतो सिम्पल खिचड़ी भी बनाकर खायी जा सकती है और कहा भी जाता है जैसा अन्न, वैसा मन। अभी हमें समय मिला है कि हम इसका प्रयोग कर देखें। जब आप खाना बनाते हैं तो आप अपने रसोईघर में परमात्मा को याद करने वाले गीत चलाइए ताकि आपके घर में जो भी भोजन बन रहा है या फिर जो पानी रखा है, वह उच्च और सकारात्मक ऊर्जा वाले शब्दों को सोख सके। उस भोजन को जो-जो खाएगा, उसके लिए वैसे ही सकारात्मक ऊर्जा वाली बातें सोचना बहुत आसान हो जाएगी। इसलिए आप अपनी लाइफ स्टाइल में कुकिंग को शामिल कर सकते हैं, जिसका आपको अभी समय भी मिला है।

यह वायरस हममें से बहुत से लोगों को सात्विकता की तरफ ले जा रहा है। हममें से कई लोग इस समय तामसिकता से दूर हो गए हैं। जैसे अभी बाहर जाकर तामसिक खाना नहीं खा पा रहे हैं। सात्विक भोजन खाने से आधे से ज्यादा चीजें तो इसी समय ठीक हो जाएंगी। आज एक वायरस से हमें इतना डर लग रहा है कि हम हर समय उसी के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन हम कर्म कौन-सा कर रहे थे? सिर्फ एक बात हमारे आगे के सब कर्मों को ठीक कर देगी। हमें उस बात का भी कभी-कभी शुक्रिया कर देना चाहिए। यह हमें बहुत कुछ सिखाकर गई है। और बहुत कुछ हमने जीवनभर के लिए सीख लिया है। दो महीने बाद,चार महीने बाद कोरोना वायरस सबको भूल जाएगा। जो कहते थे कि सोच रहा हूं कि सात्विकता को जीवन में अपना लूं, तो उनके लिए यह सबसे महत्वपूर्ण समय आ गया है।

हमने तो ब्रह्माकुमारी संस्था में इस सात्विकता को अपनाने के लिए प्रयोग किए है। जैसे हमने सात्विक भोजन ही करने का फैसला लिया। पहले दिन हमने सोचा था कि ये हमसे होगा कि नहीं होगा। लेकिन फिर मैंने सोचा कि प्रयोग करते हैं क्योंकि इसमें फायदा भी बहुत दिख रहा था। आजहममें से किसी को दस साल हो गए हैं और किसी-किसी को तो पचास साल तक हो गए हैं। हम सभी पूरे विश्व का चक्कर लगाकर आ गए। सभी तरह की परिस्थितियों में रह चुके हैं। बाहर हमें कभी-कभी एक-एक हफ्ता तक कुछ नहीं मिलता था खाने को। हम फल, सब्जी, दूध आदि खाकर रह लेते थे। लेकिन बाहर कोई तामसिक भोजन नहीं लेते थे।

हमने जो एक बार प्रतिज्ञा की फिर कभी भी वो नहीं टूटी। खाने समेत विचारों की, कमों की सात्विकता लाने की कोशिश शुरू करनी चाहिए। इस समय यह मौका मिला है कि हम शुरुआत करें।

 उदाहरण के लिए हमारा खाना बनाना और खाना दोनों घर में ही होने लगा है। इससे हमारे जीवन में बहुत परिवर्तन आएगा। इस समय यह हो सकता है कि जब हम खाना खाने बैठे तो पूरी फैमिली इकट्ठा बैठकर खाए और प्रतिज्ञा करे कि खाना खाते समय हमें ना तो मोबाइल देखना है और न ही टीवी ऑन करना हैं। ये अनिवार्य हो।

पहले परमात्मा को याद कीजिए, मन में सकारात्मक संकल्प कीजिए कि यह भोजन तन और मन के स्वास्थ के लिए अच्छा है। फिर भोजन करना शुरू कीजिए। क्योंकि वह भोजन हमारे मन की स्थिति पर असर करता है। अगर सभी लोग इकट्ठे मिलकर ऐसा करेंगे तो ये संस्कार पूरे परिवार के भी लोग सीख जाएंगे। और अगर सभी बोलकर करेंगे तो शायद सब लोगों को याद हो जाएगा, फिर थोड़े दिन के बाद तो मन में भी कर सकते हैं। क्योंकि अभी हमारी ये आदत बन रही है।

परमात्मा को याद कर मन में सकारात्मक

संकल्प लीजिए। जो लोग कहते थे कि सोच रहा हूं

सात्विकता को अपने जीवन में अपना लूं, तो उनके

लिए यह सबसे महत्वपूर्ण समय आ गया है।

रात को सोने के समय कोई भी नकारात्मक कंटेंट जैसे कि कोई मूवी, काम से संबंधित चीजें नहीं होनी चाहिए।क्योंकि रात को सोने से पहले जो कंटेंट अंदर जाता है, वह सारी रात काम करता है। अधिकतर लोग रात को इसी कारण से ठीक से सो नहीं पाते हैं। हमें ये समय अपनी जीवनशैली को सही करने के लिए ही मिला है। क्योकि आधे से दुःख तकलीफ तो जीवनशैली सही होने से ही सही हो जाते है।

अपनी जीवनशैली में बदलाव से जीवन को खुशहाल और फिट बना सकते है जो आपके भविष्य के लिए बहुत जरुरी है।

1 comment:

गरीब,लावारिस व असहायों का मसीहा - मोक्ष संस्थापक श्री आशीष ठाकुर । (Part-01)

गरीब,लावारिस व असहाय लोगों का मसीहा - मोक्ष संस्थापक श्री आशीष ठाकुर । छू ले आसमां जमीन की तलाश ना कर , जी ले जिंदगी ख़ुशी की तलाश ना कर , ...